The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing
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शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥
The mother bird Maina wishes his passion, His still left facet adorns an enchanting variety. He retains a trident in his hand, a image of electricity, Usually destroying the enemies.
ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥ धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥
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शिव पूजा में सफेद चंदन, चावल, कलावा, धूप-दीप, more info पुष्प, फूल माला और शुद्ध मिश्री को प्रसाद के लिए रखें।
पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
तज्ञमज्ञान – पाथोधि – घटसंभवं, सर्वगं, सर्वसौभाग्यमूलं ।
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा
जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥ सहस कमल में हो रहे धारी ।
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक Shiv chaisa कहानी